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कहानी की सीख: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है बहुत ज्यादा धन, सोना और चांदी भी हमें खुशी और सुख नहीं दे सकता। जीएवं में हमें जितना मिला है उसी में संतोष करें। जीवन तभी सुखमय होगा।

पंचतंत्र की कहानी: प्यासा कौवा

बहुत समय पहले की बात है। एक बहुत बड़ा घना जंगल हुआ करता था। एक बार की बात है जंगल में बहुत ही बड़ी भीषण आग लग गई। सभी जानवर आग देखकर डर गए और जान – बचाने हेतु इधर उधर भागने लगे।

कहानी की सीख: हमेशा बड़ों की बात माननी चाहिए, वे हमेशा हमारा भला ही चाहते हैं, दूसरा हमें कभी भी किसी की चुगली नहीं करनी चाहिए।

बूढ़ा व्यक्ति जितने दिन भी जीवित रहता वह उतना ही दुखी रहता। बूढ़े व्यक्ति के द्वारा बोले गए शब्द लोगों को तीर की तरह चुभते थे। हर कोई उस बूढ़े व्यक्ति से बात करने से बचता था। कहने की बात यह है की बूढ़े व्यक्ति का दुर्भाग्य हर किसी के लिए घातक हो गया था।

एक दिन, एक ऊंट और उसका बच्चा बातें कर रहे थे। बच्चे ने पूछा, “माँ, हमारे पास कूबड़ क्यों हैं?

एक दिन नन्दू घूमते-घूमते महाराज सिंह की गुफा तक जा पहुँचा। महाराज बैठे आराम कर रहे थे। नन्दू को यहाँ भी शरारत सूझी। उसकी झूठ बोलने की आदत यहाँ भी न छूटी। उसने हाथ जोड़कर महाराज के आगे झुककर नमस्कार किया read more और बोला-‘राजन् !

budha aadmi aur uski patni Panchtantra ki kahani in Hindi

अली बाज़ार के बीच में हलवा पराठे की ठेली लगाता था। अली का बना हलवा अच्छी क्वालिटी का होता था जिसके कारण ग्राहकों की भीड़ हमेशा ही अली के ठेले पर लगी रहती थी। लोगों को अली का बनाया हलवा इतना पसंद आता था की लोग हलवा पैक कराकर अपने घर भी ले जाया करते थे। लेकिन इसमें अली को अपने मुनाफे में काफी नुकसान उठाना पड़ता था।

कहानी की सीख: उपरोक्त कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है जो दूसरों के लिए गड्ढा खोदता है वह स्वयं भी उस गड्ढे में गिरता है।

विद्यालय जाते समय मैंने फुटपाथ पर जलेबी की एक दुकान देखी और सायकिल रोक दी

अंत में, उसने उसे कॉफ़ी पीने के लिए कहा। इसकी समृद्ध सुगंध उसके चेहरे पर मुस्कान ले आई।

फिर वे डीन के पास गए और कहा कि वे कल रात एक शादी में गए थे और रास्ते में उनकी कार का टायर फट गया और उन्हें कार को पीछे की तरफ धकेलना पड़ा। इसलिए वे परीक्षण लेने के लिए किसी भी हालत में नहीं थे।

उस बूढ़े व्यक्ति से जो भी मिलता था उसके लिये सारा दिन अशुभ हो जाता था , लोगों को लगता था की बूढ़े व्यक्ति के बगल में रहना अस्वाभाविक और अपमानजनक है। बूढ़े व्यक्ति के पास होने से लोग बहुत ही ज्यादा दुखी हो जाते थे।

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